समाज कल्याण विभाग ने योजना में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए उठाया कदम
लखनऊ। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत अव लाभार्थियों का स्पॉट पर ही रजिस्ट्रार, मैरिज व्यूरो पंजीकरण कर मैरिज सर्टिफिकेट दिये जायेंगे। समाज कल्याण विभाग की तरफ से यह कदम योजना में पारदर्शिता को बनाये रखने के लिए उठाया गया है। इससे पूर्व विभाग की तरफ से लाभार्थियों के लिए आधार पंजीकरण किया गया था।
समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अव लाभार्थियों का स्पॉट पर ही पंजीकरण किया जाएगा। इसके लिए रजिस्ट्रार, मैरिज व्यूरो या उनकी तरफ से नामित अधिकारी मौके पर उपस्थित रहेंगे। जिससे शादी को लीगल घोषित किया जा सके। फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आधार से भी पंजीकरण कराया जा रहा है। जिससे सही लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत कोई लक्ष्य नही रखा गया है क्योंकि इससे पारदर्शिता प्रभावित होने का अंदेशा रहता है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी गांव में पांच लाभार्थी जोड़े सामूहिक विवाह के लिए आवेदन करते है तो फिर उनका सत्यापन जिला स्तर के अधिकारी करेंगे। विभाग की तरफ से व्यक्तिगत शादी अनुदान योजना भी शुरू की गई है। अभी तक केवल पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरफ से पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को अनुदान दिए जाने की व्यवस्था थी । पर, अव समाज कल्याण विभाग की तरफ अनुसूचित जाति / जनजाति और सामान्य वर्ग के गरीव परिवार के शादी करने पर अनुदान दिया जाएगा। इसके अंतर्गत शादी के तीन माह के अंदर आवेदन करने पर लाभार्थी को 20 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।
सीएम सामुहिक विवाह योजना के तहत वलिया के मनियर ब्लॉक में जनवरी 2024 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा मिला था। शादीशुदा लोगों की शादी करा दी गई थी। इसका वीडियो वायरल हुआ था। जिसके वाद जांच शुरू कराई गई थी। इसमें पता चला कि दलालों ने मिलीभगत कर 240 से अधिक फर्जी शादियां कर दी थीं। इसके बाद एफआईआर दर्ज कर 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दो सहायक विकास अधिकारी और एक लिपिक को निलंवित किया गया था।
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